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बेतहाशा नाराज़

कल मेरा एक जिगरी यार मुझ से नाराज़ हो गया..... बेतहा नाराज़ हो गया..... बेतहाशा नाराज़।।।
गलती मेरी ही थी ..... वजह भी बड़ी वाजिब थी।
बात ये हुई कि उनकी पत्नी यानी हमारी प्रिय भाभी जी दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। एक कोई अस्थि (हड्डी) टूट गयी थी।
एक प्रसिद्ध अस्थिरोग विशेषज्ञ से संपर्क व परामर्श हुआ।
आपरेशन होगा ये तय हो गया। दोस्त टेंशन में था।

मैंने पूछा खर्चा तो काफ़ी हो जाएगा ना ?
हां... दोस्त ने सर हिलाया।।
मैंने फिर पूछा : लाखों में?
दोस्त ने फिर हाँ कहा.....।
बस यहीं मैं गड़बड़ कर बैठा ..... जब
मज़ाक में ..... दोस्त का टेंशन दूर कर के
उसे हंसाने के लिए मुंह से निकल गया

कि ...... इतने में तो दूसरी आ जाती यार ।।
मेरा दोस्त भड़क गया ।
यार का गुस्सा होना तो बनता ही है....ऐसे टेंशन वाले माहौल में.....
और दांत भींच के बोला " .. कमीने......
अब बता रहा है जब 50% एडवांस दे चुका हूँ
      
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