पप्पू : बात यह है कि पिछले हफ्ते पत्नी मायके गई हुई थी। मैं भी हवा बदलने रविवार को होटल में जा टिका। मेरे बगल के कमरे में एक खूबसूरत औरत थी। रात ग्यारह बजे उसने दरवाजा खटखटाया और माफी मांगते हुए कहा कि उसे ठंड लग रही है अगर मैं कुछ मदद कर सकूं तो वह आभारी रहेगी। मैंने एक कम्बल दे दिया। थोड़ी देर बाद वह फिर आ गई और वही शिकायत करने लगी। मैंने उसे अपना ओवरकोट दे दिया। आज जब मैं हथौड़ी से कील ठोंक रहा था तो अचानक मुझे समझ में आया कि उस दिन वह क्या चाह रही थी और बस, मैंने हथौड़ी अपने सिर पर दे मारी।
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