मोहल्ले की सारी स्त्रियाँ उसका बड़ा सम्मान करती थीं।
कहती थीं - तुम महान हो। पतिव्रता हो।
सती हो। देवी हो। साध्वी हो।
भारतीय संस्कृति की पुजारिन हो। हमारी प्रेरणा हो।
इस कलियुग में आदर्श नारी हो।
एक दिन एक स्त्री ने पूछा - आप इतनी तपस्या कर कैसे लेती हो?
वो बोली - मजबूरी है। मेरे पति आते हैं और खाना बनाते हैं तभी तो खाती हूँ।।😜😜😜 Host your website with iPage!
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