गोलू तैरते हुए एक टापू पर पहुंच गया।
महीने दो महीने बाद उसने तय किया कि यहाँ से निकलने के लिए लकड़ी की नाव बनानी चाहिए।
इसके लिए गोलू ने लकड़ी इकठ्ठा की और सुबह-सुबह नाव बनाने की तैयारी कर रहा था।
तभी एक बहुत ही खूबसूरत लड़की समुद्र से बह कर टापू पर आ गई।
उसे देखकर गोलू तुरंत ही नाव के बदले पलंग बनाने लगा।
(नोट : स्त्री हमारे मनसूबे को एक ही पल मे बदल सकती है)
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