खोला तो सामने सुन्दर, चमचमाती, तलाकशुदा पड़ोसन सजी-सजाई खड़ी थी...
वह बोली, _"अकेलापन अब सहन नहीं होता.. मैं भी चाहती हूं कि बाहर निकलूं, ड्रिंक, डांस, डिनर के साथ लाइफ एन्जॉय करुं... क्या आप आज रात फ्री हैं...?"_
दिल की धड़कनें काबू में करते हुए मैने हां कह दिया...
"गुड.."
वह बोली, "आज रात मेरे बच्चों का ख्याल रख लीजिए, प्लीज़..."
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