एक सरदार के कोई संतान नहीं थी। उसने खूब मन्नतें मांगी, नंगे पैर तीर्थ यात्रा पर गया, भूमि पर सोया, सारे देवी देवताओं के दर्शन किए, बहुत दिनों तक उपवास किया, और अंत में कठिन निर्जला व्रत आरम्भ कर दिया।
तब भगवान् खुद प्रकट हुए और हाथ जोड़ कर बड़े दीन भाव से बोले.. "पहले शादी तो कर मेरे बाप" 😩😩😫😩
Usne khoob mannatein mangi, nange per tirth yatra par gaya,
bhoomi par soya, sare devi devtavon ke darshan kiye,
bahut dino tak upwaas kiya, aur ant mein kaṭhin nirjala vrat arambh kar diya.
Tab bhagwan khud prakaṭ huye aur haath jod kar bade deen bhaav se bole..
"pahele shaadi to kar mere baap" 😩😩😫😩
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